ज्वल ज्ज्योत्स्ना रत्नाकर मणि विषक्तांघ्रि भवनं स्मरामस्तेधाम स्मरहर हरींद्रेंदु प्रमुखैः । अहोरात्रं प्रातः प्रणय नवनीयं सुविशदं परं पीताकारं परचित मणिद्वीप वसनम् ।। पीतांबरां पीतमाल्यां पीताभरण भूषिताम् । पीतकंज पद द्वंद्वां बगळां चिंतयेऽनिशम् ।। The Puja of the Goddess must be done on Thursdays, as at the present time is https://e-web-directory.com/listings13056733/not-known-factual-statements-about-mahavidya-baglamukhi