अकेला रहता हूँ, किसी से बात नहीं करता, अब मैं किसी पर भरोसा नहीं करता। आँख में पानी रखो होंटों पे चिंगारी रखो “मेरे अकेलेपन का क्या सबूत दूं, तन्हाई भी पास बैठ कर रोने लगी है।” अहमद फ़राज़ टैग : दिल शेयर कीजिए कुछ तो हवा भी सर्द थी https://youtu.be/Lug0ffByUck